Madhu varma

Add To collaction

लेखनी कविता - मेरी कैप - बालस्वरूप राही

मेरी कैप / बालस्वरूप राही


मम्मी के बुँदे सुंदर हैं,
पापा की टाई अच्छी।
मेरी कैप निराली सबसे,
कहता हूँ सच्ची-सच्ची।

पहने अपनी कैप पार्क में,
क्रिकेट खेलने जाता जब।
सचिन आ गया, सचिन आ गया!
शोर मचाते बच्चे सब।

   0
0 Comments